Sunday, November 25, 2007

जिन्दगी अपनी जब इस शक्ल से गुजरी ग़ालिब

जिन्दगी अपनी जब इस शक्ल से गुजरी ग़ालिब
हम भी क्या याद रखेंगे कि खुदा रखते थे

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