ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा
सुन लेते हैं गो ज़िक्र हमारा नहीं कर्ते
ग़ालिब तिरा अह्वाल सुना देंगे हम उन को
वह सुन के बुला लें यह इजारा नहीं कर्ते
The Urdu Ghazals of Mirza Asadullah Kha "GHALIB" (मिर्ज़ा ग़ालिब की उर्दू गजले)
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