Friday, December 28, 2007

क्योंकर उस बुत से रखूँ जान अज़ीज़

क्‌यूंकर उस बुत से रखूं जान `अज़ीज़
क्‌या नहीं है मुझे ईमान `अज़ीज़

दिल से निक्‌ला पह न निक्‌ला दिल से
है तिरे तीर का पैकान `अज़ीज़

ताब लाए ही बनेगी ग़ालिब
वाक़ि`अह सख़्‌त है और जान `अज़ीज़

ईमान: Faith, religion, creed;
वाक़ि`अह : Event, occurence, incident;

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